ज़रा धीरे चल ए ज़िन्दगी, मुझे संभलने का मौका तो दो तुम्हारी रफ़्तार से जो नुक्सान हुआ है उसका हर्जाना भरने का मौका तो दो Image Courtesy - Google Wallpapers वो जो दर्दनाक हादसे किये थे तूने उनपे जी भरकर रोने का मौका तो दो मेरे अपनों और दोस्तों की हंसी में अपनी हंसी मिलाने का मौका तो दो बचपन की हर वो छोटी ख्वाहिश जवानी में पूरे करने का मौका तो दो जो ऊँचे ख्वाब देखे थे खुली आँखों से उनके बिखरे टुकड़े समेटने का मौका तो दो कभी जो इतनी खुशियां दी तुमने उन्हें अपनों के साथ मनाने का मौका तो दो जो प्यार रूठकर चला गया था कभी उसे याद कर आहें भरने का मौका तो दो इतनी भी क्या जल्दी है मौत से मिलने की तुझे पहले अच्छे से तुझे देखने का मौका तो दो बहाने नहीं है ये मेरे , दिल से गुज़ारिश है ज़रा धीरे चल ए ज़िन्दगी, मुझे जीने का मौका तो दो. -सरिता Dated - 28th Dec 2015
There is an inner self to everyone. You might speak, speak a lot; but yet there would be so many things unsaid, so many thoughts not shared, so many emotions hidden; well, here I am - where my silence speaks...