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Showing posts from December, 2015

ज़रा धीरे चल ए ज़िन्दगी..

ज़रा धीरे चल ए ज़िन्दगी, मुझे  संभलने का मौका तो दो तुम्हारी रफ़्तार से जो नुक्सान हुआ है उसका हर्जाना भरने का मौका तो दो Image Courtesy - Google Wallpapers वो जो दर्दनाक हादसे किये थे तूने उनपे जी भरकर रोने का मौका तो दो मेरे अपनों और दोस्तों की हंसी में अपनी हंसी मिलाने का मौका तो दो बचपन की हर वो छोटी ख्वाहिश जवानी में पूरे करने का मौका तो दो जो ऊँचे ख्वाब देखे थे खुली आँखों से उनके बिखरे टुकड़े समेटने का मौका तो दो कभी जो इतनी खुशियां दी तुमने उन्हें अपनों के साथ मनाने का मौका तो दो जो प्यार रूठकर चला गया था कभी उसे याद कर आहें भरने का मौका तो दो इतनी भी क्या जल्दी है मौत से मिलने की तुझे पहले अच्छे से तुझे  देखने का मौका तो दो बहाने नहीं है ये मेरे , दिल से गुज़ारिश है ज़रा धीरे चल ए ज़िन्दगी, मुझे जीने का मौका तो दो. -सरिता  Dated - 28th Dec 2015

Dream with Your Eyes Open...

Why dreaming with your eyes open is important? Because that is the starting point for your brain to come up with ideas and heart to ignite a spark and channelize energy in that direction. If you don't dream, your brain doesn't have any reason to think in that direction, your heart doesn't have any reason to feel excited, your eyes will not be able to see any new opportunities and you end up in your routine not doing anything new. And all of a sudden, you will be left cribbing as to why your friends are living their dream and you are left doing nothing. For e.g. I kept dreaming about having a huge art gallery of my own with beautiful paintings. That dream was around for few years, on and off. It was when I had never picked up a paint brush ever in my life. Then for sometime, I kept thinking, let me atleast try once; if I can paint at all? That was enough of an inspiration for me to go and buy canvas and acrylic paint kit one day. Then I started learning painting during ...

Lily in Dark - Beautiful, Delicate yet with Strong Impactful Fragrance!

After a normal busy day at office, me and my friend were heading back home through the normal busy weekday traffic, nothing really new, everything seemed normal, until we had almost reached our apartment complex. It was around 5:30 PM MST, but its already dark due to early sunsets these days. We drove past the back gate of the apartment complex, when we noticed a blind girl trying to figure her way around a pile of snow mixed slush on the sidewalk.  I had seen her couple of times in the complex but never really met her. Both me and my friend notice her and go like, " Awe!!! ".  Lily in Dark!!! (Courtesy - Google Images) My friend slows down and goes " Do you want to help her? ".  I am like " Yeah, Ummm ".  And he stops the car and says " You can if you want to ".  I get down from the car and rush towards her. By then she has already figured her way around that pile and was finding her way to the gate. I walk up to her and ...

जी लो...

ज़िन्दगी ऐसी मज़ाक है जिसपे ना हँसी आती है ना रोना  जो जीने की कोशिश करते करते मर जाते है  Live, Laugh, Dance.... ( Image Courtesy - Google Images.) ज़िन्दगी उनपे हँसते हुए निकल जाती है  लम्हों के दामन में सदियाँ सिमट जाती है  फक्र से केहते है लोग कि हम शान से जीते है  पर मौत के बिस्तर पर एहसास होता है  की हम अपनी ज़िन्दगी जिए ही कहाँ थे  बस दुनिया के इशारों पे नाचते रेह गए  फिर भी किसीको फुरसत नहीं टेहराव की  डरता है इंसान सन्नाटे से आजकल  बस भीड़ में खो जाने के लिए तड़पता है  खुद से जैसे खफा होते फिरता है  चंद लम्हों में ज़िन्दगी जी लेते है कुछ  और कुछ, वक़्त के लम्हे गिन ने में उम्र गुज़ार देते है  अभी संभल जाओ और ज़िन्दगी को कैद कर लो इस लम्हे में  थोड़ा सा जी लो ऐसे जैसे ये वक़्त सिर्फ तुम्हारा हो.  - सरिता  Dated - 6th Dec 2015

वफ़ा से बेवफाई..

वफ़ा करके देखा दिल को टूटते हुए बिखरे टुकड़ों को जोड़ा फिर बेवफाई से इस वफादारी के खेल में  हार कर रह गए वो चंद अधूरे अरमान ज़िन्दगी के यादों के सिलवटों में खो गए हर वो किस्से हमारी वफ़ा के रहेगी तो बस बेवफाई की कहानी और वो टूटे वादों का कारवां बस उसी दामन से कुछ यादें चुनते चले जीवन के कुछ हसीन पल समेटते चले वफ़ा से बेवफाई का जश्न मनाते चले ज़िन्दगी का जाम पीते पिलाते चले... -सरिता  Dated - 3rd Dec 2015