जो जीने की कोशिश करते करते मर जाते है
ज़िन्दगी उनपे हँसते हुए निकल जाती है
लम्हों के दामन में सदियाँ सिमट जाती है
फक्र से केहते है लोग कि हम शान से जीते है
पर मौत के बिस्तर पर एहसास होता है
की हम अपनी ज़िन्दगी जिए ही कहाँ थे
बस दुनिया के इशारों पे नाचते रेह गए
फिर भी किसीको फुरसत नहीं टेहराव की
डरता है इंसान सन्नाटे से आजकल
बस भीड़ में खो जाने के लिए तड़पता है
खुद से जैसे खफा होते फिरता है
चंद लम्हों में ज़िन्दगी जी लेते है कुछ
और कुछ, वक़्त के लम्हे गिन ने में उम्र गुज़ार देते है
अभी संभल जाओ और ज़िन्दगी को कैद कर लो इस लम्हे में
थोड़ा सा जी लो ऐसे जैसे ये वक़्त सिर्फ तुम्हारा हो.
-सरिता
Dated - 6th Dec 2015
Live, Laugh, Dance.... (Image Courtesy - Google Images.) |
लम्हों के दामन में सदियाँ सिमट जाती है
फक्र से केहते है लोग कि हम शान से जीते है
पर मौत के बिस्तर पर एहसास होता है
की हम अपनी ज़िन्दगी जिए ही कहाँ थे
बस दुनिया के इशारों पे नाचते रेह गए
फिर भी किसीको फुरसत नहीं टेहराव की
डरता है इंसान सन्नाटे से आजकल
बस भीड़ में खो जाने के लिए तड़पता है
खुद से जैसे खफा होते फिरता है
चंद लम्हों में ज़िन्दगी जी लेते है कुछ
और कुछ, वक़्त के लम्हे गिन ने में उम्र गुज़ार देते है
अभी संभल जाओ और ज़िन्दगी को कैद कर लो इस लम्हे में
थोड़ा सा जी लो ऐसे जैसे ये वक़्त सिर्फ तुम्हारा हो.
-सरिता
Dated - 6th Dec 2015
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