कभी एहसास लफ़्ज़ों के लिए तरसते रहे
तो कभी लफ्ज़ ज़ाया हुआ एहसासों की खोज में
वो हमसे इशारों में कह गए दिल की बातें तब
हमने पलकें झपकी थी बस पल भर के लिए जब
लफ़्ज़ों और एहसासों की खेल में हार गए अरमान
क्या फ़रियाद करें किसी से,
जब इशारों से भी दिल का हाल बयां ना हो पाया ...
-सरिता
Dated - 2nd November 2015
(Came up with first 2 lines during a conversation with a friend in office, built up the rest on top of it..Just another day in office :) )
तो कभी लफ्ज़ ज़ाया हुआ एहसासों की खोज में
वो हमसे इशारों में कह गए दिल की बातें तब
हमने पलकें झपकी थी बस पल भर के लिए जब
लफ़्ज़ों और एहसासों की खेल में हार गए अरमान
क्या फ़रियाद करें किसी से,
जब इशारों से भी दिल का हाल बयां ना हो पाया ...
-सरिता
Dated - 2nd November 2015
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