एक अजब सी सुकून है उस हवा में
एक हल्की सी मुस्कान लाती वो फ़िज़ा है
एक ठहराव जिसकी ज़िन्दगी को ज़रुरत है
एक पल का वो आशियाना है उस मंज़िल में
जो मंज़र नज़र आता उस ऊंचाई से है
पेहचान करवाता हमें खुद से है वो
जो कईं सवाल करता रेहता हमारा मन है
हर उन शिकायतों का समाधान है नज़ारा वो
जब उड़ते बादल छूके निकलती है हमें
जब डूबता सूरज चमकता इन आँखों में है
जब पर्वत की ऊंचाई से मुस्कुराती धरती नज़र आती हमें
जब सरसराती हवा लहराती इन ज़ुल्फ़ों में है
तब ज़िन्दगी से प्यार एक बार फिर से जागती इन धड़कनों में है…
-सरिता
Dated: 12th September 2015
(Trying to capture my feeling on top of a 14,270 ft mountain peak(Gray's Peak). My tribute to one of my most arduous hike till date; covering twin 14ers - Gray's and Torrey's Peak)
एक हल्की सी मुस्कान लाती वो फ़िज़ा है
एक ठहराव जिसकी ज़िन्दगी को ज़रुरत है
From the top of Torrey's Peak - 14,267 Feet |
जो मंज़र नज़र आता उस ऊंचाई से है
पेहचान करवाता हमें खुद से है वो
जो कईं सवाल करता रेहता हमारा मन है
हर उन शिकायतों का समाधान है नज़ारा वो
जब उड़ते बादल छूके निकलती है हमें
जब डूबता सूरज चमकता इन आँखों में है
जब पर्वत की ऊंचाई से मुस्कुराती धरती नज़र आती हमें
जब सरसराती हवा लहराती इन ज़ुल्फ़ों में है
तब ज़िन्दगी से प्यार एक बार फिर से जागती इन धड़कनों में है…
-सरिता
Dated: 12th September 2015
(Trying to capture my feeling on top of a 14,270 ft mountain peak(Gray's Peak). My tribute to one of my most arduous hike till date; covering twin 14ers - Gray's and Torrey's Peak)
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