अरमानों का गला घुटते कभी देखा है तुमने
न सिसकियो की आवाज़ आती है
न घुटन की तड़प दिखती है
जनाज़ा ज़रूर उठता है उसकी इस दुनिया से
पर इतनी ख़ामोशी से की उसके जाने के गम में
कभी मैखाने में तो कभी किसी हंसी के पीछे बेहते है आंसू !!
-सरिता
Dated - 19th Dec 2016
न सिसकियो की आवाज़ आती है
न घुटन की तड़प दिखती है
जनाज़ा ज़रूर उठता है उसकी इस दुनिया से
पर इतनी ख़ामोशी से की उसके जाने के गम में
कभी मैखाने में तो कभी किसी हंसी के पीछे बेहते है आंसू !!
-सरिता
Dated - 19th Dec 2016
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