अनकही बातें कुछ जो दबी रही मन में
अनचाही अश्कों की दास्ताँ छिपी रही निगाहों में
अनसुनी किस्से कईं उड़ते रहे तन्हाई में
अनदेखी दुनिया ख़्वाबों का सजता रहा अंधेरे में
अनछुई एहसासों का गुच्छा कैद रह गया दिल के पिटारे में
अनजान मंज़िल की तरफ बड़ रहा कदम ज़िन्दगी के आशियाने में
- सरिता
Dated- 20th May 2018
अनचाही अश्कों की दास्ताँ छिपी रही निगाहों में
अनसुनी किस्से कईं उड़ते रहे तन्हाई में
अनदेखी दुनिया ख़्वाबों का सजता रहा अंधेरे में
अनछुई एहसासों का गुच्छा कैद रह गया दिल के पिटारे में
अनजान मंज़िल की तरफ बड़ रहा कदम ज़िन्दगी के आशियाने में
- सरिता
Dated- 20th May 2018
Comments
Post a Comment