वो कंचे से खेलना, वो लट्टू घुमाना
वो जंगल बुक के भलू और बगीरा, वो डक टेल्स का गाना
वो चाचा चौधरी की चतुराई, वो सुप्पंडी की बेवकूफियां
वो शिकारी शम्बू के किस्से , वो टिंकल और आर्चीस की कहानियां
वो दिवाली पे नए कपडे और फुलझड़ीयां, वो स्कूल के पहले दिन का उत्साह
वो किताबों को बैंड करना, वो लेबल पे अपना नाम लिखना
वो जनम दिन पे क्लास में चॉकलेट्स बाँटना
वो ब्रेक में किताबों से क्रिकेट खेलना
वो स्पोर्ट्स डे स्कूल डे के इंतज़ार में पूरा साल बिताना
वो कैनवास शूज को सफ़ेद रखने की कोशिश
वो फाउंटेन पेन में इंक भरते वक़्त की तबाही
वो रोज़ दूध ना पीने की जिद्द, वो परीक्षा के दिनों में घर पे एक्स्ट्रा प्यार
वो लाइब्रेरी में गॉसिप करना, वो चार्ली चापलिन की हरकतों पे खूब हसना
वो साल के अंत में क्लास फोटो खिचवाने की उत्सुकता
वो अप्रैल की छुट्टियों का इंतज़ार , वो बारिश में कागज़ की कश्ती
वो लैक्टो किंग, रावलगोन, कॉफ़ी बाईट की टॉफियां
वो शुक्रवार का चित्रहार , वो इतवार का सुरभि
वो शक्तिमान और किल्विष की लड़ाइयां
वो भारत पाकिस्तान क्रिकेट मैच को बिना हिले देखना
वो बिजली कटने पर मोमबत्ती जलाकर पढ़ना
वो कब्बडी लगोरी लूडो में जी जान लगाना
वो भाई बेहेन से लगातार झगड़ना
वो स्कूटर की सवारी, वो बस में ड्राइवर के बगल में खड़ा रेहना
वो और वैसे ही कितने सारे अनगिनत किस्से
वो दिन जो अब सिर्फ यादें है, वो ख़ुशी जो आज भी अनमोल है!
(ये कविता बचपन के नाम )
वो जंगल बुक के भलू और बगीरा, वो डक टेल्स का गाना
वो चाचा चौधरी की चतुराई, वो सुप्पंडी की बेवकूफियां
वो शिकारी शम्बू के किस्से , वो टिंकल और आर्चीस की कहानियां
वो दिवाली पे नए कपडे और फुलझड़ीयां, वो स्कूल के पहले दिन का उत्साह
वो किताबों को बैंड करना, वो लेबल पे अपना नाम लिखना
वो जनम दिन पे क्लास में चॉकलेट्स बाँटना
वो ब्रेक में किताबों से क्रिकेट खेलना
वो स्पोर्ट्स डे स्कूल डे के इंतज़ार में पूरा साल बिताना
वो कैनवास शूज को सफ़ेद रखने की कोशिश
वो फाउंटेन पेन में इंक भरते वक़्त की तबाही
वो रोज़ दूध ना पीने की जिद्द, वो परीक्षा के दिनों में घर पे एक्स्ट्रा प्यार
वो लाइब्रेरी में गॉसिप करना, वो चार्ली चापलिन की हरकतों पे खूब हसना
वो साल के अंत में क्लास फोटो खिचवाने की उत्सुकता
वो अप्रैल की छुट्टियों का इंतज़ार , वो बारिश में कागज़ की कश्ती
वो लैक्टो किंग, रावलगोन, कॉफ़ी बाईट की टॉफियां
वो शुक्रवार का चित्रहार , वो इतवार का सुरभि
वो शक्तिमान और किल्विष की लड़ाइयां
वो भारत पाकिस्तान क्रिकेट मैच को बिना हिले देखना
वो डि डि वन का समाचार ज़बरदस्ती सुनना
वो महाभारत के बाणों को आश्चर्य से देखनावो बिजली कटने पर मोमबत्ती जलाकर पढ़ना
वो कब्बडी लगोरी लूडो में जी जान लगाना
वो भाई बेहेन से लगातार झगड़ना
वो स्कूटर की सवारी, वो बस में ड्राइवर के बगल में खड़ा रेहना
वो और वैसे ही कितने सारे अनगिनत किस्से
वो दिन जो अब सिर्फ यादें है, वो ख़ुशी जो आज भी अनमोल है!
(ये कविता बचपन के नाम )
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