तू जो है वो मैं नहीं
और इसका मुझे कोई अफ़सोस नहीं
मेरा वजूद मुझसे है... सिर्फ मुझसे
तुझसे नहीं बना है ये अस्तित्व मेरा
डालूंगी अंकुश मैं तुम्हारे हर उस छोटी सोच पे
जो बनके बेड़ियां मुझसे लिपटने की कोशिश करे
दिया नहीं है हक़ मैंने किसीको
कि फिरे वो नियमों का जाल मेरे लिए
सौ दफ़ा रोकोगे तो हज़ार गुना बड़ेगा हौसला मेरा
जितनी बंदिशे डालेगा तू
उतनी ही खुलके उड़ना सीखूंगी मैं
मैं जैसी हूँ, वैसी ही हूँ, और वैसी ही होगी हंसती मेरी
तू जो है वो मैं नहीं
और इसका मुझे कोई अफ़सोस नहीं !!
-सरिता
Dated - 20th Sep 2016
और इसका मुझे कोई अफ़सोस नहीं
मेरा वजूद मुझसे है... सिर्फ मुझसे
तुझसे नहीं बना है ये अस्तित्व मेरा
डालूंगी अंकुश मैं तुम्हारे हर उस छोटी सोच पे
जो बनके बेड़ियां मुझसे लिपटने की कोशिश करे
दिया नहीं है हक़ मैंने किसीको
कि फिरे वो नियमों का जाल मेरे लिए
सौ दफ़ा रोकोगे तो हज़ार गुना बड़ेगा हौसला मेरा
जितनी बंदिशे डालेगा तू
उतनी ही खुलके उड़ना सीखूंगी मैं
मैं जैसी हूँ, वैसी ही हूँ, और वैसी ही होगी हंसती मेरी
तू जो है वो मैं नहीं
और इसका मुझे कोई अफ़सोस नहीं !!
-सरिता
Dated - 20th Sep 2016
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